भारत खेती बारे काले कानून रद्द करते विशव को अच्छा संदेश दे: संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा

कल्याण केसरी न्यूज़ मेहता चौक /अमृतसर 21 दिसंबर : दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी को किसानी को नामंजूर तीन खेती कानूनों को तुरंत रद्द करन की अपील की है। उन्होंने मोदी को किसानों और खेती कानूनों सम्बन्धित इतिहास सृजन करने की तरफ पहल कदमी करते किसानों की राय के साथ ऐसे सारथिक कानून के पास कराने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिस के साथ भविष्य दौरान दूसरे विकासशील देशों को भी सीध मिल सके और कोई भी देश किसानों की राय लिए आधार या किसानी ख़िलाफ़ खेती सम्बन्धित कानून के पास करन की जुर्रत न कर सके।
सरचांद सिंह अनुसार दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कहा कि देश के प्रधान मंत्री का गुरुद्वारा रकाब गंज साहब में नतमस्तक हो कर हिंद की चादर श्री गुरु तेग़ बहादुर साहब जी की शहादत को सजदा करना अच्छी बात है चाहे यह 6सालों दौरान पहली बार ही सही, परन्तु उन को गुरू साहब के पैरोकार कामगार किसान जो दिल्ली में ठंडी हवाएँ और शीत लहर दरमियान आंदोलन कर रहे हैं की आवाज़ भी सुननी चाहिए। किसान जत्थेबंदियों के साथ बातचीत के द्वारा सरकार और किसानों में पड़ा झगड़ा ख़त्म करते किसानों की चिंताएं सनकी की निवृति करन ’ओ ओर देरी नहीं करनी चाहिए।उन कहा कि किसान आंदोलन गुमराह हुए या मुट्ठी भर लोगों का नहीं बल्कि अपने हक के लिए पंजाब के किसानों की पहल कदमी के साथ देश भर के किसानों और नौजवानों की तरफ से विवरण और अनुशासन बनाई रखते योजनाबद्ध, शांतमयी और प्रजातांत्रिक तरीको साथ चल रहा एक जनून है। आंदोलन की सारथिकता को देखते समझते आज समाज का हरेक वर्ग इस में शामिल हो रहा है। विदेशों में भारतीय सफ़ारतख़ान्यों के बाहर भारत सरकार के खेती कानूनों के विरोध में किये जा रहे ज़बरदस्त रोश मुज़ार्यों ने इस को विशाल अर्थ प्रदान किये हैं। विदेशी भाईचारे की तरफ से मिल रहे समर्थन कारण दिली का किसान आंदोलन केवल पंजाब हरियाणा या भारत का ही नहीं बल्कि विशव के कामगार किसानों का प्रतिनिधि आंदोलन बन उठाया है। जिस को जबर या धक्को साथ विद्रोह की तरफ नहीं धकेल्या जाना भारत के हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विशव का ध्यान आज भारत सरकार की किसानों और खेती सम्बन्धित नीतियाँ और फ़ैसलों पर टिका हुआ है। भारत सरकार की तरफ से किसानों के हक में लिए जाने वाले फ़ैसले विशव को अच्छा संदेश देने के इलावा भारत को विशव में कामगार किसानों का समर्थक और इस पक्ष से दूसरे विकासशील देशों का नेतृत्व करन वाले मुल्क के तौर पर उभारने और स्थापित करन में मदद मिलेगी।

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