पंजाब के सरकारी अस्पतालों के खराब प्रबंधन के कारण निजी हस्पताल कर रहे लूट -सुरिंदर सोढ़ी

कल्याण केसरी न्यूज़ ,24 मई :केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की कैप्टन सरकार कोरोना महामारी के चलते राज्य के आम लोगों को कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने में नाकाम रही है। दोनों सरकारों की खराब वैक्सीन व्यवस्था की पोल खुल गई है। केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। आज जिले के समस्त नेतृत्व एवं जिलाध्यक्ष जालंधर सुरिंदर सोढ़ी एवं डॉ: शिवदयाल माली प्रदेश उपाध्यक्ष एस.सी. विंग ने टीकों की कमी के लिए दोनों सरकारों को दोषी मानते हुए कटघरे में खड़ा किया।प्रैस से बातचीत करते हुए जिलाध्यक्ष सुरिंदर सोढ़ी व डॉ: शिव दयाल माली, प्रदेश उपाध्यक्ष एस.सी. विंग ने एक संयुक्त बयान के माध्यम से टीकों की कमी पर दोनों मौजूदा सरकारों की विफलताओं पर सवाल उठाया। डॉ: शिव दयाल माली ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में कैप्टन सरकार के बीच वैक्सीन व्यवस्था को लेकर चल रही खींचातान की पोल खुल गई है  नतीजतन, दोनों सरकारों ने लोगों को भगवान के भरोसे पर छोड़ दिया है। लोग अब टीकाकरण के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे समय के वादे के साथ सत्ता में आई केंद्र की मोदी सरकार ने बैंकों से लेकर हस्पतालों तक जरूरतमंदों की लंबी लाइन लगा दी है। टीकाकरण सीधे तौर पर मोदी सरकार की जिम्मेदारी है। उधर, पंजाब की कैप्टन सरकार अब केंद्र के नक्शे कदम पर चलकर आम आदमी को अपने मरीजों का इलाज करवाने के लिए धक्के खाने पर मजबूर कर रही है। लोग अपने मरीजों को कोविड के इलाज के लिए सरकारी हस्पतालों में ले जाते हैं, लेकिन कुछ घंटों बाद उनके मरीजों को लाश के रूप में वापस कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पंजाब में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर देश में सबसे ज्यादा यह दिखाती है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार कोरोना महामारी से निपटने में बुरी तरह विफल रही है। केंद्र की मोदी सरकार को लोगों को करोना से बचाने के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू करना चाहिए।

जिलाध्यक्ष सुरिंदर सोढ़ी ने कहा कि कैप्टन सरकार ने 26 अप्रैल को 18-45 साल के लोगों के लिए कोविशील्ड की 30 लाख डोज के लिए सीरम इंस्टिट्यूट को ऑर्डर दिया था, लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि वैक्सीन की उपलब्धता चार हफ्ते में पता चल पाएगी। मोदी सरकार ने कहा था कि राज्य सरकारें खुद वैक्सीन खरीद लेंगी, लेकिन अब वैक्सीन कंपनियां राज्यों को वैक्सीन बेचने को तैयार नहीं हैं। केंद्र सरकार के  हाथ खींचने के बाद अब आधुनिक वैक्सीन कंपनी मॉडर्न ने राज्य सरकार को वैक्सीन उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि टीकों की आपूर्ति नहीं होने के कारण 18-45 साल के लोगों को भी टीका नहीं लग रहा है। आम लोगों को परेशानी हो रही है। टीकाकरण की तैयारी और योजना बनाने में सरकार की विफलता पूरी तरह से उजागर हो गई है, और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी छवि को चमकाने के लिए विदेशों में टीके बेचकर अपने देशवासियों की जान जोखिम में डाल दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का उन निजी हस्पतालों पर भी कोई नियंत्रण नहीं है जो उन्हें टीका लगा रहे हैं। आम लोगों की जमकर लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार टीकाकरण को बढ़ावा दे रही है तो दूसरी तरफ वैक्सीन के अभाव का रोना रो रही है।

दोनों नेताओं ने कहा कि अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों के लिए “फतेह किट” की भारी कमी है। जिसमें मरीज को इलाज के लिए दवाएं, ऑक्सीमीटर, सैनिटाइजर और अन्य जरूरी उपकरण दिए जाते हैं। यह किट सरकार द्वारा मरीज को हस्पताल में या घर में एकांतवास होने पर उपलब्ध कराई जाती है। इन किटों की कमी से इलाज के दौरान किट में शामिल आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी में इजाफा हुआ है। जो वस्तु पहले 300/- रुपये मिल रही थी। उसे अब 1000/- रुपये से ज्यादा मिल रहा है। इस कालाबाजारी पर नकेल कस कर कैप्टन सरकार को कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी की मांग है कि पंजाब के लोगों को जल्द से जल्द कोरोना का टीका उपलब्ध कराया जाए ताकि वे इस कोरोना महामारी से निपट सकें। केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब में कैप्टन की सरकार दोहरा चेहरा दिखा कर लोगों की तरफ अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती हैं।

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