अस्पताल की दयनीय स्थिति, कैंसर इंस्टीच्यूट के रूके प्रोजेक्ट और जीएनडीएच को बेहतर बनाने के लिए मांग
एम्ज़ बनाने के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 7 दिसंबर 2024: सांसद गुरजीत सिंह औजला ने आज सेहत मंत्री डा.बलबीर सिंह से मुलाकात कर उन्हें शहर के सरकारी अस्पतालों की दयनीय स्थिती से जागरुक करवाया। टीबी मुक्त अभियान की शुरुआत करने के दौरान पहुंचे सेहत मंत्री को सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि किस तरह से टीबी अस्पताल, ईएसआई अस्पताल की स्थिती दयनीय है और कई बार लिखित में देने के बावजूद सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि शहर की स्वास्थय सेवाएं बेहतरीन होने की बजाए बेहद खराब स्थिती में हैं। शहर के बड़े अस्पताल गुरु नानक देव अस्पताल हालत बहुत दयनीय है, जिससे मरीजों की देखभाल और स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। शहर और आस-पास के क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अमृतसर के लिए तत्काल एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार से एम्स की मांग करने की सख्त आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अत्याधुनिक कैंसर संस्थान की जरुरत है। उन्होंने बताया कि कैंसर के मरीजों की लगातार बढ़ती तादात के बावजूद जीएनडीएच में बनाए गए स्टेट कैंसर इंस्टीचयूट की पूर्ण रुप से शुरुआत नहीं हुई है। करोड़ों का प्रोजेक्ट है लेकिन सिर्फ कुछ ही सुविधाएं मिल रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सीवरेज प्रणाली चिंताजनक स्थिति में है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए इस प्रणाली में तत्काल सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने निजी प्रयोगशालाओं और रेडियोलॉजी केंद्रों के अनधिकृत एजेंटों के बारे में भी जानकारी दी। जो कि अक्सर अस्पताल परिसर में पाए जाते हैं, जो मरीजों को अस्पताल के बाहर जांच के लिए लुभाते हैं। इस प्रथा को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
ईएसआई अस्पताल को एक्स-रे शीट की कमी, मशीनों में खराबी और आपूर्ति न होने जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
सांसद औजला ने बताया कि उत्तर भारत के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक टीबी अस्पताल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है
स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की कमी से प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी रोगियों के लिए सामर्थ्य और पहुँच सुनिश्चित करने के लिए जेनेरिक दवाओं को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।
अस्पताल परिसर में पार्किंग की स्थिति अव्यवस्थित है और इसके लिए सख्त नियमन और उचित योजना की आवश्यकता है। बढ़ते मरीजों के भार को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में तत्काल संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एम्स और बेहतर सेहत सुविधाओं के लिए फंड्स पर गौर करें। अमृतसर तथा आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए उचित उठाएं।