कल्याण केसरी न्यूज़ चंडीगढ़, 7 मार्च; कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद, पूर्व सांसद राशिद अल्वी व दानिश आली की ओर से बीते दिनों औरंगजेब की जमकर तारीफ करते हुए जो टिप्पणी की गई वह बेहद निंदनीय है। इससे भी अधिक निंदनीय उन काँग्रेसी सिख सांसदों, विधायकों व पदाधिकारियों की इस पर चुप्पी हैं जो की सिख इतिहास पर कीचड़ उछालने वालों अपने काँग्रेस पार्टी के सांसदों के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। यह कहना है राज्यसभा सांसद सत्नाम संधु का जो की आज पंजाब भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियावाल व प्रदेश मीडिया प्रमुख विनीत जोशी के साथ पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे ।
कांग्रेस के सांसदों ने कहा है कि औरंगजेब के राज में जो तरक्की हुई वह किसी अन्य राज में नहीं हुई। वह जालिम नहीं था और न ही उसने अपने जीवन में कोई धर्म परिवर्तन करवाया। औरंगजेब को इतिहासकारों ने जानबूझकर गलत दिखाया, जबकि सच्चाई उसके विपरीत थी।
संधु ने कहा कि यदि कॉंग्रेसी सांसदों की इस जानकारी को सच मान लिया जाए तो श्री गुरू तेग बहादुर साहिब की शहीदी क्यों ली गई। चांदनी चौक का इतिहास आज भी चीख-चीखकर औरंगजेब के कारनामों को बयान कर रहा है। श्री आनंदपुर साहिब, श्री चमकौर साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब की एक-एक सरहदी ईंट इतिहास की गवाही दे रही है। श्री गुरू गोबिंद सिंह साहिब की ओर से औरंगजेब को उसके जबर के खिलाफ लिखा गया जफरनामा जो सच्चाई बयान करता है, उसे किस तरह से झुठलाया जा सकता है।
संधु ने आगे कहा कि काँग्रेस के सांसद व पूर्व सांसद यदि अपने धर्म से संबंधित औरंगजेब की तारीफ करते हुए इतिहास को गलत बता रहा है, तो पंजाब के सात कॉंग्रेसी सांसद सिख इतिहास पर हमला करने वाले बयान पर कोई टिप्पणी क्यों नहीं की ।
संधु ने कांग्रेस के सात सांसदों के साथ-साथ एसजीपीसी से भी अपील करते हुए कहा कि किसी फिल्म में सिखों खिलाफ कोई टिप्पणी होने एसजीपीसी फरमान जारी कर उसका विरोध करती है, लेकिन सिख इतिहास पर की गई चोट पर एसजीपीसी ने खामौश रहकर सिख समुदाय की सिख भावनाओं को आहत किया है।
संधु, बलियावाल व जोशी ने सभी सिख संगठनों और पंजाबियों को अपील करते हुए कहा कि औरंगजेब जाबर था, कातिल था और उसे कभी भी माफ नहीं किया जा सकता। आज यदि किसी कम समझ रखने वाले काँग्रेस के सांसद व पूर्व सांसदों की ओर से औरंगजेब की तारीफें कर इतिहास पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है तो उसके खिलाफ हम सभी को आवाज बुलंद करने की जरूरत है।
सिखों के साथ-साथ हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले औरंगजेब की तारीफ करते हुए सिख इतिहास को बदलने का प्रयास करने वालों को सभी सिख संगठनों और हिंदु भाईचारे की ओर संयुक्त विरोध जताया जाना चाहिए, अन्यथा हमारे सिख गुरूओं की शहादत को भविष्य में इसी प्रकार से गलत नजरीए से दिखाने का प्रयास होता रहेगा।