कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 4 जून 2025:दुकानदारों को 20 से कम कर्मचारी रखने की खुली छूट, कर्मचारी अब तीन गुना अधिक यानी 144 घंटे तक ओवरटाइम कर सकेंगे पंजाब व्यापारी आयोग के संवैधानिक राज्य सदस्य और आम आदमी पार्टी के अमृतसर लोकसभा क्षेत्र के नवनियुक्त प्रभारी स. जसकरन बंदेशा ने पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने श्रम कानूनों की कथित आड़ में पंजाब में कृषि के बाद रोजगार के सबसे बड़े स्रोत दुकानदारों पर मंडरा रहे लालफीताशाही राज को स्थायी रूप से समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है और अब 20 से कम कर्मचारियों वाली दुकानों/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लालफीताशाही राज का कोई डर या खतरा नहीं रहेगा। ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों/मजदूरों का शोषण रोकने के लिए उनके हितों की रक्षा तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए कानून लागू किए गए हैं। इस दुकानदारी व्यवसाय को बढ़ावा देने तथा इन दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों/मजदूरों के हितों को आर्थिक बढ़ावा देने के लिए पंजाब को देश का पहला राज्य का दर्जा देने के लिए लिए गए ऐतिहासिक फैसले के लिए भगवंत मान की राज्य सरकार बधाई की पात्र है। प्रत्येक दुकानदार/व्यापारिक प्रतिष्ठान को संकीर्ण हितों तथा संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सरकार के इस फैसले का स्वागत करने के लिए आगे आना चाहिए। आयोग के राज्य सदस्य तथा सत्ताधारी पार्टी के नेता जसकरन बंदेशा ने बातचीत के दौरान उपरोक्त विचार प्रकट करते हुए यह भी कहा कि आज मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की सरकार द्वारा लिए गए उपरोक्त ऐतिहासिक फैसले से पहले आम तौर पर ग्रामीण, अर्ध शहरी तथा शहरी क्षेत्रों में अपने स्वयं के रोजगार के लिए कारोबार करने वाला कोई भी व्यापारी यदि अपनी दुकान में एक भी कर्मचारी/मजदूर रखता था तो श्रम विभाग/श्रम विभाग का इंस्पेक्टर लालफीताशाही की आड़ में उस कर्मचारी का रिकार्ड देखने के लिए दुकानदार को परेशान करने में संकोच नहीं करता था तथा कर्मचारी के हितों की अनदेखी की जाती थी। परन्तु अब मान सरकार ने कानूनों में संशोधन करके दुकानदारों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 20 से कम कर्मचारी रखने की खुली छूट दे दी है तथा दुकानदार को दुकान के 9 घंटे के काम के लिए कर्मचारी/मजदूर से लिए गए ओवरटाइम की दोगुनी राशि देनी होगी, जिसमें इन काम के घंटों से पहले व बाद में कर्मचारी के लंच व चाय का समय भी शामिल होगा। पहले कर्मचारियों/मजदूरों को तीन महीने में अधिकतम 50 घंटे का ओवरटाइम मिलता था, जबकि अब राज्य सरकार ने 144 घंटे ओवरटाइम का प्रावधान किया है, जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों की आय में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि होगी। आयोग के सदस्य बंदेशा ने बताया कि फैसले के अनुसार दुकानदार को 6 महीने में एक बार 20 से कम तक कार्यरत कर्मचारियों की सही जानकारी देनी होगी तथा फिर न तो कोई निरीक्षण होगा, न ही कोई अन्य रिपोर्ट और न ही निरीक्षणालय राज्य का कोई आतंक। उन्होंने यह भी बताया कि जिस प्रतिष्ठान के व्यापारिक संगठन में 20 या इससे अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें अपने पंजीकरण के लिए पोर्टल पर जानकारी देनी होगी, जिसके लिए आवेदन जमा करवाने के 24 घंटे के अंदर व्यापारिक संगठन का पंजीकरण स्वीकृत माना जाएगा। उन्होंने बताया कि जहां भी कोई दुकानदार/व्यापारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतता पाया जाएगा। वहां निरीक्षक उस व्यवसायी को तीन माह के अंदर सुधार का मौका देगा और यदि तीन माह के बाद दोबारा लापरवाही पाई जाती है तो अब व्यवसायी को एक हजार से 30 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। पहले केवल 25 से 100 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान था।
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