संत निरंकारी मिशन मानव सेवा की जीवंत मिसाल

कल्याण केसरी न्यूज़ (राकेश खेड़ा ) : कोरोना वैश्विक महामारी ने ज्यों ही भारत मे दस्तक दी सतगुरु माता सुदीक्षा  जी के आदेशनुसार संत निरंकारी मिशन के प्रबंधक व सेवादार मानवता की सेवा के लिए हरकत मे आने शुरू हो गए। देश व समाज  के प्रति सेवा भाव को मजबुत करने के लिए संत निरंकारी समागम के शुभ अवसर पर सेवको  द्वारा अक्सर यह प्रार्थना गीत बोला जाता है। *ना हिन्दू ना सिख ईसाई ,ना हम मुसलमान है , मानवता है धर्म हमारा हम केवल इंसान है , वक़्त पड़े तो देश की ख़ातिर देश के पहरेदार भी है*” । आज के इस संकट के दौर मे  प्रार्थना गीत के ये शब्द कर्म की कसौटी पर ढलते नज़र आ रहे है ,आज जब देश मे मानवजाति पर कोरोना महामारी का संकट आया ऐसे हालातों में मिशन के सेवादारों ने यह प्रमाणित कर दिया कि हम मानवता के पुजारी है । मानवता ही हमारा धर्म है ऐसे दिव्य भाव को आत्मसात करते हुए निरंकारी मिशन के सेवादार इस आपदा की घड़ी मे सरकार की बाजु बनकर खड़े हो गये । कोरोना संक्रमण के कारण पूरे विश्व मे भय का वातावरण बना हुआ है लेकिन मिशन के अनुयायी अपनी जान पर खेलकर मानवता की सेवा मे लगे हुए है । 24 मार्च 2020 को ज्यों ही भारत सरकार ने लाक्डाउन की घोषणा की उसी दिन से निरंकारी मिशन की देश व विदेश की सभी ब्रांचो मे ज़रूरतमंद लोगों के लिए भोजन व राशन  की शुरुआत कर दी गयी। मिशन द्वारा कोरोना  रोगीयो के  क्वॉरंटीन के लिए भी  सत्संग भवनो के उपयोग के लिए सरकार को अनुरोध किया गया और वही वित्तीय सहायता के रूप मे निरंकारी मिशन ने 5 करोड़ की धनराशि प्रधानमंत्री राहत कोष मे देकर इस आपदा की घड़ी मे योगदान  दिया। जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने ट्वीट के माध्यम से सराहना भी की इसके इलावा महाराष्ट्र , उत्तराखंड , पंजाब  व हरियाणा राज्य सरकारों को भी अलग से 50 लाख की सेवा राशि मे योगदान दिया। जिसकी राज्य सरकारों द्वारा भी सराहना  की गयी ,ये सब सेवाऐ मिशन के सिद्धांतों  व सतगुरु द्वारा प्रदान की गयी शिक्षा का प्रतिबिम्ब है।

संत निरंकारी मिशन के पिछले 90 वर्षों के इतिहास से पत्ता चलता है कि मिशन मानव जाति को विश्व भाईचारा का संदेश देता आ रहा है। मिशन का मानना है कि ये सारी कायनात एक प्रभु की रचना है तो क्यों ना हम संकट की घड़ी मे मानवजाति को बचाने का साधन बने। निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का ये दिव्य कथन “ *इंसान का खुन नालियों मे नहीं , इंसान की नाड़ीयों मे बहे*“ रक्तदान का ये महा वचन लाखों लोगों को ज़िंदगी प्रदान कर रहा है। जिसका जीवंत उदाहरण कोरोना संकट के दौरान आज भी देखने को मिल रहा है। जहाँ लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपने घरों मे बैठें है वही देश व विदेश के अनेक शहरो मे निरंकारी भक्त अपनी जान की परवाह ना करते हुए रक्त दान करके कोरोना पीड़ित मरीज़ों की जान बचा रहे है। ऐसी मानव सेवा का जीवंत उदाहरण इंसानियत की अनूठी मिसाल है ,इसी सेवा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए संत निरंकारी चेरिटबल फ़ाउंडेशन ने 10000 पी.पी.ई किट्स कोरोना योद्धाओं के लिए दिल्ली सरकार को प्रदान की जिसकी सराहना दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा ट्वीट करके की गयी। इसके इलावा संत निरंकारी चेरिटबल फ़ाउंडेशन द्वारा निर्मित डाक्टर्ज़ टीम का भी गठन किया गया है जो कोरोना सम्बंधित जानकारी प्रदान कर रही है ,चेरिटबल फ़ाउंडेशन द्वारा वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सेनीटाईजेशन  ट्रीटमेंट  भी किया जा रहा है। 10 अप्रैल 2020, को निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने मानवता के नाम संदेश देते हुए फ़रमाया कि जैसी भी परिस्थिति हो ,हमारे मन मे निरंकार प्रभु के विधान और निज़ाम के प्रति शुक्र और स्वीकृति का भाव होना चाहिए उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें सरकार के निर्देशो का बड़ी चेतनता व जिम्मेदारी से पालन करना चाहिए।

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