कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 31 जनवरी; पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत, एडीए के मुख्य प्रशासक अंकुरजीत सिंह, आईएएस और अतिरिक्त मुख्य प्रशासक मेजर अमित सरीन, पीसीएस द्वारा जारी आदेशों का पालन करते हुए, जिला टाउन प्लानर (रेगुलेटरी) गुरसेवक सिंह औलख के नेतृत्व में रेगुलेटरी विंग से एडीए, ड्यूटी मजिस्ट्रेट जगबीर सिंह, उपमंडल अभियंता (जस), एडीए, अमृतसर और पुलिस स्टेशन अजनाला। रामदास थाने के पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अजनाला-फतीगढ़ चूड़ी रोड पर गांव चमियारी में अवैध कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया गया। जिला नगर योजनाकार ने जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में होने वाले विकास को नियंत्रित करने के लिए सरकार के निर्देशानुसार गांव चमयारी में विकसित की जा रही नई अनाधिकृत कॉलोनी को पापरा एक्ट-1995 के तहत नोटिस जारी कर काम रुकवा दिया गया है और तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है जी हां, क्योंकि इस अनाधिकृत कॉलोनी के मालिक सरकार के निर्देशों को ताक पर रखकर सरकारी नियमों की अवहेलना कर कॉलोनी का विकास कर रहे थे।
इसके अलावा अजनाला-रामदास रोड पर गांव गगोमहल में विकसित की जा रही अनधिकृत कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई करने गई रेगुलेटरी टीम का किसान संगठन ने विरोध किया और तोड़फोड़ की कार्रवाई अमल में नहीं आ सकी, जिसके चलते कानूनी कार्रवाई की गई। उक्त अनधिकृत कॉलोनी के मालिकों के खिलाफ पुलिस विभाग को ऐसा करने के लिए कहा गया था।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पापरा एक्ट-1995 के संशोधन 2024 के अनुसार अनाधिकृत कॉलोनी काटने वाले व्यक्ति के खिलाफ 5 से 10 साल की कैद और 25 लाख से 5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विभाग ने अब तक कुल 15 अनाधिकृत कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों और अनाधिकृत निर्माण करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस विभाग को पत्र लिखा है। इसके अलावा पुड्डा की रेगुलेटरी विंग समय-समय पर जिला अमृतसर के अंदर विकसित हो रही अनधिकृत कॉलोनियों और निर्माणों की जांच कर संबंधित अधिनियम के तहत नोटिस जारी कर काम रुकवाकर संबंधित पुलिस स्टेशन अधिकारी को आगे की कानूनी कार्रवाई करने के लिए कह रही है जिला नगर योजनाकार (रेगुलेटरी), अमृतसर ने आम जनता से अपील की है कि उन अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की बिक्री के संबंध में किसी भी विज्ञापन के अनुसार प्लॉट खरीदने से पहले, जो पुड्डा विभाग द्वारा अनुमोदित नहीं हैं, उन्हें पुड्डा द्वारा जारी की गई अनुमति अवश्य मांगनी चाहिए। ताकि उनका पैसा और सामान न डूबे और उनके लिए परेशानी का कारण न बने। इसके अलावा उन्होंने यह भी अपील की कि जिले के अंदर किसी भी स्थान पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने से पहले पुड्डा विभाग से आवश्यक मंजूरी लेने के बाद ही निर्माण किया जाना चाहिए।